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कुंभ विवाह / अर्क विवाह

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अर्क विवाह क्या है?

जिस किसी पुरुष के विवाह मे विलम्ब हो रहा हो या अन्य किसी दोष को दूर करने के लिए उस पुरुष के विवाह के पूर्व सूर्य पुत्री जिन्हे अर्क वृक्ष के रूप मे पूजा जाता है के साथ विवाह किया जाता है, जिससे उस पुरुष के विवाह मे आ रहे समस्त प्रकार के दोषो से मुक्ति मिल जाती है। पुरुष का विवाह से पूर्व किए गए इस प्रकार के विवाह को अर्क विवाह पूजा के नाम से जाना जाता है।

घट विवाह क्या होता है?

किसी कन्या के विवाह मे आ रही समस्याओ या किसी दोष को दूर करने के लिए उस कन्या के विवाह से पूर्व घट (कुम्भ) जिसमे भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित की जाती है के साथ विवाह किया जाता है, जिससे कन्या के विवाह मे आ रही सभी बधाओ और दोषो से मुक्ति मिल जाती है। कुम्भ विवाह होने के पश्चात भगवान विष्णु की मूर्ति को जलाशय मे विसर्चित कर कन्या का विवाह इच्छुक वर के साथ कर दिया जाता है। कन्या के विवाह से पूर्व किए गए विवाह को घट विवाह या कुम्भ विवाह पूजा के नाम से जाना जाता है।

कुम्भ विवाह या घाट विवाह की विधि

इस प्रक्रिया में कन्या और मिट्टी से बने हुए घट के बीच प्रतीकात्मक विवाह का आयोजन किया जाता है। कुम्भ विवाह ,एक सामान्य विवाह की तरह ही होता है जिसमें कन्या के माता पिता द्वारा कन्या दान किया जाता है, फेरों की रस्म भी निभाई जाती है। पंडित के द्वारा विवाह के मंत्रो का भी उच्चारण किया जाता है।जब सम्पूर्ण प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो घट को तालाब या नदी के बहते पानी में प्रवाहित कर दिया जाता है।घट विवाह के बाद कन्या का विवाह वास्तविक वर के साथ किया जाता है। कुम्भ विवाह, कन्या का प्रथम विवाह माना जाता है और घट (कुम्भ ) कन्या के प्रथम पति का प्रतीक होता है। इस कुम्भ विवाह से कन्या की कुंडली में मंगल दोष, मंगल की खराब स्थिति या वैधव्य योग का दोष समाप्त हो जाता है। किसी भी जातक (वर) की कुंडली में इस तरह के दोष हों, तो सूर्य कन्या अर्क वृक्ष से व्याह करना, अर्क विवाह कहलाता है। इस प्रक्रिया से दाम्पत्य सुखों में वृद्धि होती है और वैवाहिक विलंब दूर होता है।

अर्क कुम्भ विवाह क्यो आवश्यक है?

किसी भी पुरुष और कन्या की कुंडली मे मंगल दोष हो। किसी की कुंडली मे तलाक या दो विवाह हो। किसी कन्या या पुरुष की कुंडली मे दोहरा मांगलिक दोष हो तो अर्क कुम्भ विवाह करना चाहिए। किसी कन्या की कुंडली मे वैधव्य दोष हो तो कुम्भ विवाह आवश्यक हो जाता है। किसी पुरुष ने दो शादिया की हो और उसकी दोनों पत्नीया मर चुकी हो, तो संबन्धित व्यक्ति अगर दोबारा अगर शादी के लिए तैयार हो तो उस व्यक्ति का अर्क विवाह करना आवश्यक होता है।

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