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नवग्रह शांति पूजा

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नवग्रह शांति पूजा

नवग्रह शांति पूजा उज्जैन में एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है जो नौ ग्रहों के आपसी संग्रहण की शांति और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए की जाती है। यह पूजा हिन्दू धर्म के अनुसार ग्रहों के प्रभाव को दूर करने और जीवन में समृद्धि और सुख की प्राप्ति के लिए की जाती है। उज्जैन शहर में नवग्रह शांति पूजा का आयोजन महाकालेश्वर मंदिर के पास अक्षय तृतीया के मौके पर होता है। इस दिन लोग ग्रहों के द्रष्टांत स्थल पर पूजा करते हैं और विशेष रूप से सूर्य और चंद्रमा के उपासना करते हैं। इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, और सफलता की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और ग्रहों की आराधना के माध्यम से अपने कर्मों को सुधारने का आलंब बनाते हैं। इस पूजा का आयोजन उज्जैन में एक धार्मिक और पौराणिक माहौल में किया जाता है और यह एक मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक तरीके से व्यक्ति को उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के साथ मिलाता है।

नवग्रहों का महत्व

नवग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु का प्रतीक होते हैं। इन ग्रहों की स्थिति और गतिविधियाँ हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं और समस्याएँ या संघर्ष का कारण बन सकती हैं। नवग्रह दोष के फलस्वरूप, लोग दुख, संकट, और समस्याओं का सामना कर सकते हैं। नवग्रहों की शांति पूजा इन दोषों को दूर करने के लिए की जाती है और ग्रहों के सान्दर्भिक अच्छे प्रभाव को बढ़ावा देती है।

नवग्रह शांति पूजा का आयोजन

पितृ दोष पूजा का आयोजन विशेष रूप से उज्जैन में किया जाता है। उज्जैन, मध्यप्रदेश का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और यहां पर पितरों की आत्मा को श्रद्धा और समर्पण के साथ याद किया जाता है। पितृ दोष पूजा के दौरान, लोग अपने पूर्वजों की आत्मा के लिए अन्न, दान, और पूजा करते हैं। यह पूजा कुंड कुण्ड भवन में की जाती है, जो नर्मदा घाट के पास स्थित है। इसके साथ ही, पुजारियों द्वारा पितरों के लिए भगवान की प्रार्थना की जाती है, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले। यहां पर पूजा के रूप में श्रद्धा और भक्ति से पितरों की प्रात्मिकता को याद किया जाता है और उनकी आत्मा को उद्धार करने के लिए कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं।

उज्जैन में नव गृह शांति पूजा

उज्जैन, मध्यप्रदेश के पवित्र शहर में नवग्रह शांति पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। इस पूजा का आयोजन उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के पास किया जाता है, जो कि हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। नवग्रह शांति पूजा के दौरान, नौ ग्रहों की पूजा की जाती है, जिनमें सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, और केतु शामिल हैं। इन ग्रहों की पूजा करने से व्यक्ति को ग्रहों के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है और उनके जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होती है। यह पूजा धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल में होती है, और भक्त इस मौके पर ग्रहों की आराधना करके अपने जीवन को सुखमय और समृद्धि से भर देने का संकल्प लेते हैं। के द्वारा किए जाने वाले मंत्रों और पूजा विधियों के माध्यम से व्यक्ति के आत्मिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारती है. नवग्रह शांति पूजा के दौरान पंडित या पुजारी विशेष धार्मिक ग्रंथों के मंत्र पाठ करते हैं, जिनसे ग्रहों की क्रोध शांति और उनकी कृपा प्राप्ति होती है. उज्जैन में नवग्रह शांति पूजा का आयोजन कुम्भ मेला के समय भी होता है, जो कि उस समय शहर में लाखों भक्त एकत्र आते हैं. इस अवसर पर, भक्त ग्रहों की कृपा और शांति की प्राप्ति के लिए एक साथ प्रार्थना करते हैं और अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए संकल्पित होते हैं. यह आयोजन धार्मिकता, आध्यात्मिकता, और एकाग्रता की अद्वितीय अनुभव का भी हिस्सा होता है, और लोग अपने अंतरात्मा की गहराइयों में जाने का अवसर प्राप्त करते हैं. इस रूप में, नवग्रह शांति पूजा उज्जैन में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है जो लोगों को उनके आध्यात्मिक सफलता और शांति की ओर अग्रसर करता है।

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